विकलांगता क्या है विकलांगता के प्रकार What is Disability Types of Disability
हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है इस लेख विकलांगता क्या है विकलांगता के प्रकार (What is Disability Types of Disability) में।
दोस्तों इस लेख में आज आप विकलांगता के बारे में पड़ेंगे, कि विकलांगता क्या है, विकलांगता कैसे होती है और कितने प्रकार की होती है। तो आइये शुरू करते है, यह लेख विकलांगता क्या है विकलांगता के प्रकार:-
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विकलांगता क्या है What is Disability
किसी भी प्रकार के कार्यों को शारीरिक तथा मानसिक रूप से ठीक प्रकार से नहीं कर पाना विकलांगता कहा जाता है, क्योंकि किसी भी प्रकार के कार्य को करने के लिए व्यक्ति शारीरिक तथा मानसिक रूप से सक्षम होना चाहिए, व्यक्ति के पास शारीरिक तथा मानसिक शक्ति होनी चाहिए जिसके परिणाम स्वरूप व सामान्य सारे कार्य कर सकें।
यदि कोई बालक या कोई भी व्यक्ति शारीरिक तथा मानसिक रूप से सक्षम नहीं है तो वह किसी न किसी प्रकार के कार्य को ठीक प्रकार से नहीं कर पाएगा। उदाहरण के लिए हम बात करते हैं, कि किसी बालक का एक पैर नहीं है तो वह साइकिल नहीं चला सकता क्योंकि साइकिल चलाने के लिए दोनों पैरों की आवश्यकता होती है, इसी प्रकार से यदि कोई बालक पढ़ने लिखने में ठीक नहीं है
उसकी बुद्धिलब्धि (Intelligence quotient) बहुत ही कम है और वह किसी भी प्रकार की शिक्षा को ग्रहण नहीं कर पा रहा है तो उसे भी विकलांग कहा जाएगा। इस प्रकार हम कह सकते है, कि शारीरिक तथा मानसिक रूप से अक्षम होना विकलांगता होती है।
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विकलांगता के प्रकार Types of Disability
सामान्यतया विकलांगता दो प्रकार की होती है:-
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शारीरिक विकलांग |
1. शारीरिक विकलांगता Physical disability
वह विकलांगता जिसमें व्यक्ति के शरीर में कोई ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है, जिससे वह उस अंग का प्रयोग नहीं कर पाता या उसके द्वारा कोई प्रमुख या सामान्य काम नहीं कर पाता
अर्थात शारीरिक रूप से अक्षम बालक शारीरिक विकलांग बालक और उसकी विकलांगता शारीरिक विकलांगता होती है, जैसे कोई व्यक्ति देखने बोलने सुनने चलने में कठिनाई का सामना करता है।
शारीरिक विकलांगता को निम्न चार भागों में बांटा गया है:-
- दृष्टि विकलांगता :- हमने आसपास कुछ बच्चे कुछ व्यक्ति ऐसे देखे हैं, जिनकी आंखें नहीं होती हैं, कुछ ऐसे बच्चे उनमें होते हैं, जिनकी जन्म से ही आंखें नहीं होती हैं जबकि कुछ बच्चों की कुछ व्यक्तियों की बीमारी के कारण आंशिक रूप से आंखें चली जाती हैं या फिर किसी दुर्घटना के कारण उनकी आंखें चली जाती हैं और वह देख नहीं पाते हैं, ऐसी विकलांगता को दृष्टि विकलांगता कहा जाता है। इस प्रकार के बच्चे व्यक्ति स्वयं इधर उधर नहीं जा पाते हैं उन्हें किसी न किसी प्रकार के सहारे की आवश्यकता होती है, क्योंकि वे किसी भी प्रकार की वस्तु को देखने में असमर्थ होते हैं।
- वाणी विकलांगता :- वाणी जिसे हम आवाज के नाम से भी जानते हैं, यह एक ऐसा माध्यम है, जिसके द्वारा हम अपने मन के भावों और विचारों को दूर तक पहुंचाने का कार्य करते हैं अर्थात अपने मन और भावों के विचारों को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक वाणी के द्वारा ही पहुंचाया जाता है। अगर बोलने वाले में किसी भी प्रकार का दोष आता है कोई रुक रुक कर अटककर हकलाकर बोलता है तो वह वाणी संबंधी दोष होता है और ऐसे व्यक्ति को वाणी द्वारा विकलांग व्यक्ति माना जाता है। वाणी द्वारा विकलांग व्यक्ति जन्मजात भी हो सकते हैं या फिर किसी दुर्घटना चोट बीमारी के कारण भी इस विकलांगता का शिकार हो सकते हैं।
- श्रवण विकलांगता :- श्रवण विकलांगता कान में किसी प्रकार के दोष उत्पन्न हो जाने के कारण होती है, क्योंकि कान एक अति महत्वपूर्ण और संवेदनशील ज्ञानेंद्रिय है जिन का महत्व आंखों के पश्चात सर्वाधिक माना जाता है क्योंकि इसके द्वारा हम संपूर्ण संसार को सुन सकते हैं। यदि कोई ऐसा व्यक्ति है, जिसे सुनाई नहीं देता है या वह कम सुनता है या फिर स्पष्ट नहीं सुनता तो उसे सुनने का दोष या श्रवण दोष माना जाता है। इससे अर्थ यह निकलता है, कि वह सामान्य आवाज सुनने में असमर्थ हैं और वह श्रवण बाधित व्यक्ति माना जाता है, अर्थात वह व्यक्ति श्रवण विकलांगता से ग्रसित है। श्रवण विकलांगता जन्मजात भी हो सकती है या फिर दुर्घटना चोट बीमारी आदि के कारण भी उत्पन्न हो सकती है।
- शारीरिक विकलांगता :- कुछ बच्चे ऐसी भी आप लोगों ने देखे होंगे जो शारीरिक रूप से योग्य नहीं होते हैं, वह किसी न किसी सहारे के ऊपर आश्रित रहते हैं, शारीरिक विकलांग व्यक्ति किसी न किसी सहारे के द्वारा ही एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते हैं। शारीरिक विकलांगता ऐसे शारीरिक अंग के अक्षम होने से जुडी हैं जिनके तौर पर व्यक्ति को शारीरिक विकलांग माना जाता है। माना कि पोलियो से ग्रस्त बच्चा जिसकी टांगे जन्म से जन्म के पश्चात खराब हो गई है वह चल नहीं सकता है या फिर कोई व्यक्ति जिसके एक या दोनों पैर किसी भी दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हो गए हैं या फिर कट गए हैं तो उनको शारीरिक विकलांग व्यक्ति माना जाता है, इनको एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए किसी वस्तु कृत्रिम अंग सहारे की आवश्यकता होती है, वही हाथ या शरीर के अंग के ठीक प्रकार से कार्य न करने की स्थिति को शारीरिक विकलांगता की श्रेणी में रखा गया है।
2. मानसिक विकलांगता Mental disability
वर्तमान में हम अपने चारों और देखते हैं, तो हमें विभिन्न प्रकार के बालक बालिकाएं दिखाई देती हैं, जिनमें से कुछ तो सामान्य होते हैं, जबकि कुछ बालक बालिका ऐसे होते हैं जो सामान्य से अधिक बुद्धि के होते हैं जबकि कुछ ऐसे बालक भी हमें देखने को मिलते हैं
जो सामान्य बालकों से भी बिल्कुल कम होते हैं यह बालक मानसिक रूप से परिपक्व नहीं होते तथा अपने समाज के साथ पारस्परिक क्रियाएं करने में असमर्थ होते हैं ऐसे बालकों को हम मानसिक विकलांग बालक कहते हैं।
मानसिक विकलांगता दो प्रकार की होती है
- अधिगम असमर्थ:- मानसिक विकलांगता की इस श्रेणी में वे बालक आते हैं, जो देखने में तो सामान्य बालकों के बिल्कुल समान दिखाई देते हैं, किंतु है पढ़ने लिखने में सामान्य बालकों से बिल्कुल पीछे होते हैं। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में वे सामान्य बालकों से पीछे ही दिखाई देते हैं, इस प्रकार के बालकों में अधिगम असमर्थ विकलांगता होती है।
- मंदबुद्धि :- इस श्रेणी के अंतर्गत वे सभी बालक आते हैं जिनकी बुद्धिलब्धि सामान्य बालकों से कम होती है अर्थात इनकी बुद्धिलब्धि 90 से कम होती है, इस प्रकार के बालकों को मानसिक विकलांग या मानसिक रूप से कमजोर या मंदबुद्धि बालक कहा जाता है।
दोस्तों आपने यहाँ पर विकलांगता क्या है, विकलांगता के प्रकार (What is Disability Types of Disability) आदि को पढ़ा। आशा करता हुँ, आपको यह लेख पसंद आया होगा।
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