विटामिन ए क्या होता है कमी रोग लक्षण What is Vitamin-A

विटामिन ए क्या होता है कमी रोग लक्षण What is Vitamin-A

हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है, इस लेख विटामिन ए क्या होता है (What is Bitamin-A) में। दोस्तों इस लेख में आप विटामिन ए

के बारे में विटामिन ए के स्रोत कमी और अधिकता से रोग तथा विटामिन ए के फायदे कार्य जानेंगे। तो आइये दोस्तों करते है, यह लेख शुरू विटामिन ए क्या होता है:-

एचआईवी एड्स के कारण लक्षण और उपचार

विटामिन ए क्या होता है

विटामिन ए क्या होता है What is Vitamin-A

विटामिन ए क्या होता है:- Vitamin-A एक fat soluble कार्बनिक विटामिन होता है, जो शरीर की विभिन्न Biological क्रियाओ के लिए महत्वपूर्ण होता है तथा प्रमुख पोषक तत्व के रूप में कार्य करता है।

इस विटामिन की खोज 1973 में मैककॉलम (McCollum) नामक वैज्ञानिक ने की थी। विटामिन ए कैरोटीन (Carotene) का डेरिवेटिव होता है,

जो शरीर के द्वारा रेटिनोल या फिर कैरोटीन के रूप में ही ग्रहण किया जाता है, जिनमें रेटिनोल प्रमुख रूप से Animals Food के रूप में प्राप्त होता है

क्योंकि वनस्पतियों Vegitation में रेटिनोल नहीं होता। इनमें ही कुछ पीले और लाल रंग के Pigment पाए जाते हैं, जो कैरोटीन कहलाते हैं,

यह कैरोटीन Pigment छोटी आत में पहुंचते हैं और उसकी भित्तियों में विटामिन ए में परिवर्तित हो जाते हैं तथा Liver में जाकर स्टोर हो जाते हैं।

विटामिन ए का रासायनिक नाम Chemical Name of Vitamin-A

विटामिन ए का रासायनिक नाम रेटिनोल (Retinol) या एंटीजिरोफथेल्मिक विटामिन (Antigyrophthalmic Vitamins) होता है,

जबकि इसका रासायनिक फार्मूला C20H30O होता है। विटामिन ए का गलनांक 62-64 डिग्री सेंटिग्रेट और क्वथनांक लगभग 148 डिग्री सेंटिग्रेट होता है।

विटामिन ए क्या होता है

विटामिन ए के स्रोत Vitamin-A Saurce 

विटामिन ए का Synthesis मानव शरीर में Liver तथा इंटेस्टाइनल म्यूकस मेंब्रेन की कोशाओ (Intestinal mucus membrane) में कीरोटिनाइड वर्णको के द्वारा होता है।

वातावरण से प्राप्त विभिन्न पशु खाद्य पदार्थ और वनस्पतियाँ जैसे कि दूध मक्खन अंडे की जर्दी, जिगर, मछली, पालक,गाजर आदि विटामिन ए के स्रोत के भरपूर खाद्य पदार्थ होते है।

सबसे ज्यादा मछली के यकृत से निकाले हुए Oil में विटामिन ए उपस्थित रहता है। इसके साथ ही अंडे, यकृत दूध में भी विटामिन ए प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा हरी सब्जियाँ

जैसे कि पालक, पुदीना, धनिया पत्ती सरसों की भाजी, मूली की पत्ती, मेथी आदि में विटामिन ए पर्याप्त मात्रा में देखने को मिलता है।

इसके अलावा विभिन्न प्रकार की सब्जियाँ तथा फल जैसे कि गाजर, पुदीना, टमाटर, केले, रतालू, लहसुन, मीठी नीम, पत्ता गोभी, पपीता, कद्दू, आम, संतरा में भी पर्याप्त मात्रा में विटामिन ए मौजूद होता है।

विटामिन ए की दैनिक आवश्यकता Daily requirement of vitamin-A

विटामिन ए शरीर में होने वाले विभिन्न प्रकार की Biological Reaction में भाग लेता है और एक अच्छा शरीर प्रदान करता है तथा शरीर को विभिन्न रोगों से रक्षा भी प्रदान करता है।

इसीलिए विटामिन ए युक्त खाद्य पदार्थ खाना आवश्यक हो जाता है। एक सामान्य व्यक्ति के लिए विटामिन ए की दैनिक आवश्यकता 5000I.U होती है,

जबकि गर्भवती और दूध पिलाने वाली माताओं के लिए विटामिन ए की दैनिक आवश्यकता 6000 से 8000I.U होती है।

विटामिन ए के फायदे Vitamin-A Benefits 

विटामिन ए आँखों की रोशनी के लिए बहुत आवश्यक होता है, क्योंकि यह विटामिन ए रोडॉप्सिन (Rodopsin) का निर्माण के लिए उत्तरदाई होता है जिसके कारण आंखों से दिखाई देता है।

  1. विटामिन ए उपकलाओं (Epithilium) की वृद्धि के लिए भी आवश्यक होता है। यह उप कलाओं को पोषण (Nutrition) देता है। जब विटामिन ए की कमी होने लगती है, तो तो Skin dry हो जाती है, और श्लेषमिककला अपना श्रावण कम कर या बंद देती है।
  2. विटामिन ए विभिन्न प्रकार के रोगों से लड़ने की क्षमता देता है तथा Infection से सुरक्षा करता है।
  3. विटामिन ए को Fertility vitamin भी कहा जाता है, क्योंकि यह नर पशुओं में शुक्राणुजनन (Spermetogenesis) और मादा में स्त्रीचक्र के लिए बहुत ही उत्तरदायी होता है, इसकी अनुपस्थिति में गर्भ में कुर्चनायें हो जाती हैं।
  4. विटामिन ए हड्डी (Bones) की कोशिकाओं की क्रियाओं उनका आकार वृद्धि के लिए उत्तरदाई होता है, जिससे शरीर की वृद्धि और विकास भी प्रभावित होती है।
  5. विटामिन ए कोलेस्ट्रॉल के संश्लेषण (Synthesis of cholesterol)  में तथा प्रोटीन संश्लेषण (Synthesis of Protien) में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  6. कार्बोहाइड्रेट के चयापचय (Metabolism of Carbohydret) और गिलिसरोल (Gilisrol) से ग्लाइकोजन (Glicogen) बनाने के लिए विटामिन ए आवश्यक विटामिन होता है।

विटामिन ए की अधिकता से होने वाले रोग Vitamin A  Exsess diseases

जब विभिन्न कारणों के फलस्वरुप शरीर में विटामिन ए की मात्रा सामान्य से अधिक होने लगती है, उस स्थिति में शरीर में विभिन्न प्रकार की अनियमितताएँ देखने को मिलती हैं जो निम्न प्रकार से हैं:-

  1. शारीरिक भार में कमी - विटामिन ए की अधिकता होने पर शरीर के भार (Wieght loss) में धीरे-धीरे कमी आने लगती है, जिससे शरीर कमजोर होने लगता है और व्यक्ति विभिन्न बीमारियों के संक्रमण से धिर जाता है।
  2. बालों की कमी - विटामिन ए की अधिकता के कारण व्यक्ति के बालों पर भी बुरा प्रभाव पड़ने लगता है। व्यक्ति के बाल सफेद होने लगते हैं तथा उनके root पतले शुष्क हो जाते हैं, जिससे बाल झड़ने लगते हैं।
  3. आंखों में फोड़े होना - विटामिन ए की अधिकता से रक्त में विटामिन ए अधिक हो जाता है, जो आंखों में भी पहुंचता है और आंखों में पहुंचने पर रोडॉप्सिन अधिक मात्रा में बनने लगता है, जिसके कारण आंखों में फोड़े होने लगते है। 
  4. बार-बार फ्रैक्चर होना - विटामिन ए की अधिकता के कारण हड्डियाँ कमजोर पड़ने लगती है, जिससे हड्डी बार-बार टूट जाती Frecture होने लगती है।

इसके अलावा विटामिन ए की अधिकता के कारण व्यक्ति की त्वचा खुरदरी और सुखी हो जाती है, व्यक्ति का स्वभाव में बदलाव हो जाता है, व्यक्ति चिड़चिड़ापन महसूस करता है,

नाखून कमजोर होकर टूटने लगते हैं इसके साथ विभिन्न प्रकार के ऐसे कई लक्षण हैं, जिनसे यह पता चलता है, कि मनुष्य के शरीर में विटामिन ए की मात्रा अधिक होने लगी है। 

विटामिन ए की कमी से होने वाले रोग Vitamin-A Deficiency 

अगर मनुष्य के शरीर में विटामिन ए की मात्रा किसी भी कारण के फलस्वरुप सामान्य से कम होने लगती है, तब मनुष्य में विभिन्न प्रकार के विकार उत्पन्न हो जाते हैं जो निम्न प्रकार से हैं:-

  1. रतौंधी - विटामिन ए की कमी से प्रमुख रूप से रतौंधी (Night Blindness) अधिक होने वाला रोग है। यह वह रोग हैं, जिसमें मंद प्रकाश में व्यक्ति को दिखाई देना बंद हो जाता है। इसका मुख्य कारण आंखों तक पर्याप्त मात्रा में विटामिन ए का ना पहुंचना होता है, जिसके कारण आंखों की कई संरचनाएँ कमजोर होने लगती हैं।
  2. जीरोफथेलमिया - विटामिन ए की अधिक कमी के कारण  आंखें लाल हो जाती हैं और आंखों की पुतलियाँ सूख जाती हैं, आंखों में छोटे-छोटे फफोले पड़ जाते हैं और आंखों में धुंधलापन आ जाता है। यह स्थिति ही जीरोफथेलमिया (Xerophthalmia) कहलाती है।
  3. किरेटोमलेसिया - विटामिन ए की कमी अगर लंबे समय से है, तब यह स्थिति देखने को मिलती है,जिसे किरेटोमलेसिया (keratomalacia) के नाम से जाना जाता है। इस स्थिति में आंखों की कॉर्निया पूरी तरह से खराब हो जाती है और व्यक्ति अंधा (Blind) हो जाता है।
  4. आंखों पर अन्य प्रभाव - विटामिन ए की कमी के कारण सबसे अधिक प्रभाव आँखों पर ही होता है। अगर शरीर में धीरे-धीरे विटामिन ए की कमी होती है, तो पहले आंखों में खुजली होने लगती है, आंखों में जलन प्रारंभ हो जाती है पलकें सूख जाती हैं और आंसू वाली ग्रंथियों (Tear Glands) ठीक प्रकार से कार्य नहीं करती जिस से आंसू नहीं बन पाते हैं।
  5. वृद्धि और विकास- विटामिन ए की कमी के कारण शारीरिक वृद्धि और विकास रुक जाता है, हड्डियाँ भी ठीक प्रकार से वृद्धि नहीं कर पाती हैं।
  6. त्वचा पर प्रभाव - लंबे समय से विटामिन ए की कमी के फलस्वरूप त्वचा पर कई प्रभाव देखने को मिलते हैं, त्वचा खुरदरी हो जाती है,  शुष्क (Dry) सूखने लगती है,तथा बेजान सी होकर चितकबरी हो जाती है।
  7. शरीर के विभिन्न तंत्रों पर प्रभाव - विटामिन ए के कारण शरीर के विभिन्न तंत्र जैसे कि आहार तंत्र, स्वसन तंत्र उत्सर्जन तंत्र आदि भी प्रभावित होने लगते हैं।

दोस्तों आपने इस लेख में विटामिन ए क्या होता है (What is Bitamin-A) के साथ अन्य तथ्य पड़े। आशा करता हुँ, आपको यह लेख अच्छा लगा होगा।

इसे भी पढ़े:-

  1. विटामिन किसे कहते है प्रकार What is vitamin type
  2. विटामिन सी क्या है कमी रोग लक्षण What is Vitamin-C
  3. विटामिन डी क्या है कमी रोग लक्षण What is vitamin -D
  4. विटामिन ई क्या है कमी रोग लक्षण what is vitamin -E
  5. विटामिन के क्या है कमी रोग लक्षण What is vitamin-K





0/Post a Comment/Comments

в