एड्रिनल ग्रंथि क्या है इसके कार्य What is adrenal gland and its function
हैलो दोस्तों एक बार फिरसे आपका बहुत - बहुत स्वागत है। इस लेख एड्रिनल ग्रंथि क्या है इसके कार्य what is adrenal gland and its function में
दोस्तों इस लेख में आप अन्तःश्रावी ग्रंथि एड्रिनल ग्रंथि के बारे में विस्तार से जानेंगे, कि एड्रिनल ग्रंथि क्या है? एड्रिनल ग्रंथि के कार्य क्या है? आदि।
तो आइये दोस्तों शुरू करते है, आजका यह लेख एड्रिनल ग्रंथि क्या है इसके कार्य:-
पैरा थयाराइड ग्रंथि किसे कहते है
एड्रिनल ग्रंथि क्या है What is adrenal gland
एड्रिनल ग्रंथि एक अंतः स्रावी ग्रंथि (Endocrine gland) होती है, जो तिकोनी संरचना जैसी तथा प्रत्येक किडनी (kidney) के ऊपर एक-एक संख्या में उपस्थित होती है।
प्रत्येक किडनी या वृक्क के ऊपर स्थित होने के कारण इसका नाम सुप्रारीनल ग्रंथि suprarenal gland भी पड़ गया है। एड्रिनल ग्रंथि के दो भाग होते हैं,
जिसके एक भाग को कॉर्टेक्स cortex और दूसरे भाग को मेडयूला medulla कहा जाता है, जिसमें एड्रिनल ग्रंथि का बाहरी भाग कॉर्टेक्स जो लगभग 80% और अंदर का भाग मेडयूला 20% होता है।
एड्रिनल ग्रंथि भी अन्य ग्रंथियों की तरह महत्वपूर्ण हारमोंस का श्रावण करती है, जो शरीर में होने वाली विभिन्न क्रियाओं का नियमन और नियंत्रण करते है।
अधिवृक्क ग्रंथि की रचना Adrenal gland structure
एड्रिनल ग्रंथि दो भाग से मिलकर बनी होती है, जिसके बाहरी भाग को कॉर्टेक्स और भीतरी भाग को मेडयूला कहा जाता है।
एड्रिनल ग्रंथि का बाहरी भाग कॉर्टेक्स का निर्माण पैरेंकाइमेट्स बहुकोणीय एपीथिलियम Parenchymes multinucleated epithelium भ्रूणीय मीजोडर्मल क्षेत्र से होता है।
यह कोशिकाये रज्जु के रूप में व्यवस्थित होती हैं। प्रत्येक रज्जू कई कोशिकाओं से मिलकर बनी होती है, तथा एड्रिनल के कैप्सूल से जुड़ी रहती हैं। एड्रिनल ग्रंथि के कोर्टेक्स की संरचना तीन स्तरों की होती है।
- जोना ग्लोमेरुलोसा zona glomerulosa
- जोना फेसिकुलेटा zona faciculata
- जोना रिटीकुलेटा zona reticulate
1. जोना ग्लोमेरुलोसा Zona glomerulosa
जोना ग्लोमेरुलोसा एड्रिनल ग्रंथि के कॉर्टेक्स (Cortex) भाग का सबसे बाहरी स्तर होता है। यह भाग कोल्यूमनर कोशिकाओं से मिलकर बना होता है,
जो तुलनात्मक रूप से अधिक पास-पास रज्जू में अक्ष के समांतर स्थित होती हैं। जोना ग्लोमेरुलोसा भाग से एल्डोस्टीरोन (Aldosterone Hormonse) नामक हार्मोन स्रावित होता है।
2. जोना फेसिकुलेटा Zona faciculata
जोना फेसिकुलेटा एड्रिनल ग्रंथि के मध्य स्तर को बनाता है। यह स्तर सबसे अधिक चौड़ा स्तर होता है, क्योंकि इस स्तर की रज्जु कोशिकाएँ (Cord Cells) सबसे अधिक बड़ी होती हैं।
इन कोशिकाओं के केंद्रक भी अधिकांश बड़े ही होते हैं। जबकि कोशिका के कोशिका द्रव में पीले रंग के कण दिखाई देते हैं। जोना फेसिकुलेटा रज्जू की कोशिकाओं में विटामिन सी अधिक मात्रा में पाया जाता है।
यह स्तर प्रमुख रूप से कोर्टीसॉल वर्ग के हारमोंस जिनमें ग्लूकोकॉर्टिकॉइड्स (Glucocorticoids) प्रमुख हारमोंस है स्रावित करती हैं।
3. जोना रिटीकुलेटा Zona Reticulate
जोना रिटीकुलेटा भाग कॉर्टेक्स भाग का सबसे अंदर का भाग होता है। इस भाग की कोशिकाएँ रज्जूओं का एक जाल सा बना लेती हैं।
इसलिए इनका कोई निश्चित आकार भी नहीं होता है। इन रज्जूओं के जाल के बीच में कुछ रिक्त स्थान भी पाया जाता है।
जिन्हे साइनुसोइड कहा जाता है और यह साइनुसोइड रैटीकुलो एंड़ोथीलियम कोशिकाओं के द्वारा गिरे रहते हैं। इस स्तर की कोशिकाओं में वसा कण उपस्थित होते हैं।
जबकि यह स्तर सबसे प्रमुख लैंगिक हार्मोन एंड्रोजेंस (Androgens) श्रावित करता है। लेकिन कुछ मात्रा में यहाँ से ग्लूकोकॉर्टिकॉइड्स (Glucocorticoids) हारमोंस भी स्रावित होता है।
एड्रिनल ग्रंथि किस हारमोंस का उत्पादन करती है Adrenal gland hormones
एड्रिनल ग्रंथि के दो भाग होते हैं, एक कोर्टेक्स भाग तथा दूसरा मेडयूला भाग और दोनों ही भाग विशेष प्रकार के हार्मोन स्रावित करते हैं, जिन्हें हम निम्न प्रकार से समझ सकते हैं।
एड्रिनल ग्रंथि के कॉर्टेक्स के हार्मोन Hormones of the cortex of the adrenal gland
एडिनल ग्रंथि का कॉर्टेक्स भाग तीन प्रकार के स्तरों से मिलकर बना होता है और यह तीनों अलग-अलग प्रकार के हारमोंस का स्रावित करते हैं।
एड्रिनल ग्रंथि के कॉर्टेक्स भाग तीन स्तरों से मिलकर बना होता है, जो क्रमशः जोना ग्लोमेरुलोसा, जोना फेसिकुलेटा, जोना रिटीकुलेटा और इन तीनों स्तरों से
एक - एक प्रमुख हारमोंस क्रमशः एल्डोस्टीरोन, ग्लूकोकॉर्टिकॉइड्स, तथा एंड्रोजिंस श्रावित होता हैं। जिनके कार्य निम्न प्रकार से हैं:-
एल्डोस्टीरोन के कार्य Function of aldosterone
एल्डोस्टीरोन हार्मोन एड्रिनल ग्रंथि के कॉर्टेक्स भाग के पहले स्तर जोना ग्लोमेरुलोसा से स्रावित होता है। यह हार्मोन सोडियम क्लोराइड तथा बाइकार्बोनेट (Nacl or NaHCO3) का वृक्क में अवशोषण बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
यह हारमोंस रक्त में जो कोशिकाएँ पाई जाती हैं, उनमें आयनों के एक निश्चित स्तर को बनाए रखता है।
एल्डोस्टीरोन हारमोंस वृक्क के फास्फोरस (Phosphorus) तथा पोटेशियम (Potassium) के अवशोषण को कम करता है, जबकि इसका कार्य रक्त में जल की मात्रा को नियंत्रण करना भी होता है।
ग्लूकोकॉर्टिकॉइड्स के कार्य Function of glucocorticoids
ग्लूकोकॉर्टिकॉइड हारमोंस एड्रिनल ग्रंथि के पहले भाग कोर्टेक्स के मध्य स्तर जोना फेसिकुलेटा से स्रावित होता है, जिसके निम्न प्रमुख कार्य हैं:-
- यह हारमोंस इंसुलिन हार्मोन की भांति यकृत और मांसपेशियों में ग्लाइकोजन (Glycogen) के निर्माण को बढ़ा देता है।
- यह हारमोंस आंत और किडनी में शर्करा के अवशोषण को बढ़ा देता है।
- इसका कार्य प्रोटीन से ग्लाइकोजन बनाने में सहायता प्रदान करना होता है।
- इस हारमोंस की अधिक मात्रा से शरीर की हड्डियाँ छिद्रित होने लगती हैं।
- इस हारमोंस का कार्य कार्बोहाइड्रेट को वसा में बदलना भी होता है।
एंड्रोजेंस लैंगिक हार्मोन के कार्य Function of androgens sex hormones
एड्रिनल ग्रंथि के कॉर्टेक्स भाग के तीसरे स्तर जोना रिटीकुलेटा से लैंगिक हार्मोन स्रावित होता है। जिसके कार्य निम्न प्रकार से हैं:-
- इस हारमोंस का कार्य भ्रूण में लिंग विभेदन तथा जन्म के बाद लैंगिक ग्रंथियों तथा द्वितीयक लैंगिक गुणों की उत्पत्ति करना तथा उनका विकास करना होता है।
- इस लिंग हारमोंस के द्वारा ही नरों में दाढ़ी मूछें आना भारी आवाज होना आदि गुणों का विकास देखा जाता है।
- जबकि मादा में इसका अधिक श्रावण से एड्रिनल कॉर्टेक्स में ट्यूमर उत्पन्न हो जाता है, जिसके कारण दाढ़ी मूछें और भारी आवाज महिलाओं में भी उत्पन्न हो सकती है।
एड्रिनल कॉर्टेक्स के हारमोंस का कम श्रावण Hyposecretion
अगर एड्रिनल ग्रंथि के कॉर्टेक्स भाग से हारमोंस कम मात्रा में स्रावित होते हैं तो विभिन्न प्रकार के रोग तथा शरीर में कई अनियमितताएँ देखने को मिलती हैं:-
मांसपेशियों में थकान तथा कमजोर उत्पन्न होने लगता है रक्तचाप कम हो जाता है।
कॉर्टेक्स भाग से स्रावित हार्मोन कम मात्रा में स्रावित होते हैं, तो इस स्थिति को एडीशंस नामक बीमारी कहा जाता है।
उपापचय क्रियाए मंद हो जाती हैं, शरीर से सोडियम क्लोराइड अधिक मात्रा में निकलने लगता है, जबकि पोटेशियम का श्रावण कम होता है।
एड्रिनल कॉर्टेक्स के हारमोंस का अधिक श्रावण Hypersecretion
अगर एड्रीनल कॉर्टेक्स के हारमोंस का अधिक मात्रा में श्रावण होने लगता है तो निम्न प्रकार की तीन बीमारियाँ अक्सर देखी जाती हैं:-
कुशिंग सिंड्रोम (Cushing's syndrome) - इस स्थिति में नर में बालों की मात्रा अधिक हो जाती है तथा मादा में नर के गुण दाढ़ी मूछ का आना प्रारंभ हो जाता है।
शरीर की हड्डियाँ छिद्रित होने लगती हैं, रक्तचाप बढ़ जाता है, मानसिक संतुलन ठीक प्रकार से नहीं रहता मनुष्य में नपुंसकता भी उत्पन्न हो सकती है। रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने लगती है।
हाइपर एल्डोस्टरॉनिज्म (Hyper aldosteronism) - जब कॉर्टेक्स भाग से एल्डोस्टिरोन हार्मोन अधिक मात्र में स्रावित होता है, तब यह बीमारी देखी जाती है:-
इस बीमारी में रक्तचाप उच्च हो जाता है, मांसपेशियाँ कमजोर होने लगती हैं, और सूजन आ जाती है
रक्त में अधिक सोडियम हो जाता है तथा शरीर में सूजन उत्पन्न होने लगती है। पोटेशियम मूत्र के साथ बाहर अधिक निकलता है।
एडरीनोजिनाइटल सिंड्रोम (Adrenogenital syndrome) - एडरीनोजिनाइटल सिंड्रोम में नर के गुण मादा में तथा मादा के गुण नर में विकसित होने लगते है।
परन्तु यह गुण अविकसित ही रह जाते है। यह बीमारी एंड्रॉजिन होर्मोन्स के श्रावण से होती है।
एड्रिनल ग्रंथि का मेडयूला भाग Medulla of the adrenal gland
एड्रिनल ग्रंथि का दूसरा भाग मेडयूला कहलाता है, यह भाग अनिश्चित प्रकार की बहुकोणीय कणयुक्त कोशिकाओं से निर्मित हुआ है।
यह कोशिकाएँ रिक्त स्थानों से घिरी रहती है। इन कोशिकाओं के कणों में एक विशेष प्रकार का हारमोंस जिसे एड्रीनेलिन हारमोंस कहा जाता है,
भरा होता है। जो कयिक अवस्था के अनुसार कम या अधिक भी हो सकता है। जिन कणों में एड्रीनेलीन हार्मोन भरा होता है,
वे कण अम्ल के द्वारा रंगे जाने पर काले रंग के और क्रोमिक अम्ल के द्वारा रंगे जाने पर भूरे रंग के हो जाते हैं। इसलिए इन कोशिकाओं का नाम क्रोमेफिन कोशिकाएँ भी हो गया।
ये कोशिकाएँ दो प्रकार के हार्मोन एड्रीनेलिन (Adrenaline) और नॉरएड्रीनेलीन (Noradrenaline) श्रावण करती हैं। जिनके कार्य निम्न प्रकार से हैं:-
इपीनेफ्रीन या एड्रीनेलीन के कार्य Functions of adrenaline
यह हारमोंस ऊतकों में चक्रीय एमपी की सांद्रता को प्रभावित करता है। जबकि ह्रदय संकुचन की गति, रक्त प्रवाह और दबाव को बढ़ाता है।
यह हारमोंस मायोकोडियल मांसपेशियों के संकुचन क्षमता को भी बढ़ाता है, रक्तचाप बढ़ाना, रक्त में लैक्टिक की मात्रा बढ़ाना,
रक्त में पोटेशियम की सांद्रता बढ़ाना, प्लाज्मा में प्रोटीन की सांद्रता बढ़ाना आदि कार्य इसी हारमोंस के द्वारा किए जाते हैं।
यह हारमोंस अचानक होने वाले संकट के समय ह्रदय के संकुचन, गति आदि को भी नियंत्रित करता है। इसलिए इस हारमोंस को संकटकालीन हार्मोन या इमरजेंसी हारमोंस के नाम से भी जाना जाता है।
नॉरइपीनेफ्रीन या नॉरएड्रीनेलीन के कार्य Function of noradrenaline
एड्रीनेलीन नॉरएड्रीनेलीन की संरचना लगभग एक प्रकार की होती है। किंतु नॉरएड्रीनलिन में 1-methyl वर्ग कम होता है।
जो एड्रीनेलीन हार्मोन के कार्य होते हैं वही लगभग नॉरएड्रेनेलीन के इस हारमोंस का कार्य सिस्टोलिक और डायस्टोलिक दोनों प्रकार के दबावों को बढ़ाना होता है।
एड्रीनलीन हार्मोन केवल डायस्टोलिक दवाब को ही बढ़ाता है। नॉरएड्रीनलीन हार्मोन रक्त वाहिनीयों को संकुचित करता है, जबकि एड्रीनलिन होर्मोन कोरोनरी तथा पेशियों की रक्त वाहिनी को फैलाता है।
अधिवृक्क ग्रंथि कैंसर Cancer of adrenal gland
एड्रिनल ग्रंथि के कैंसर को एड्रेनोकोर्टिकल ट्यूमर या कैंसर कहा जाता है। अधिवृक्क ग्रंथि का यह एक दुर्लभ प्रकार का घातक कैंसर है। ये ट्यूमर सौम्य ट्यूमर से लेकर आक्रामक, घातक कैंसर तक हो सकते हैं।
अधिवृक्क ग्रंथि कैंसर के कैंसर को एड्रेनोकोर्टिकल ट्यूमर, एड्रेनल कोर्टेक्स या अधिवृक्क वल्कुट का कैंसर, एड्रेनोकोर्टिकल कार्सिनोमा भी कहा जाता है।
अधिवृक्क ग्रंथि कैंसर बच्चों में बहुत ही कम पाया जाता है। बच्चों में होने वाले कैंसर में इसका अनुपात केवल 0.2% ही होता है।
किन्तु वयस्कों में, अधिवृक्क ग्रंथि कैंसर को एड्रेनोकोर्टिकल ट्यूमर एड्रेनोकोर्टिकल कार्सिनोमा घातक जानलेवा कैंसर और बीमारी माना जाता है कियोंकि वयस्कों में इसकी सम्भावना अधिक होती है।
एड्रेनोकोर्टिकल ट्यूमर या कैंसर के इलाज में अक्सर अधिवृक्क ग्रंथि (एड्रेनल ग्लैंड) को निकालने की सर्जरी होती है।
कियोकि अधिवृक्क ग्रंथि कैंसर के ट्यूमर को सर्जरी द्वारा पूरी तरह से काट कर हटाने से रोगी के ठीक होने की बहुत अधिक संभावना होती है।
यदि कैंसर अधिवृक्क ग्रंथि (एड्रेनल ग्लैंड) के बाहर तक फैल जाता है, तो इलाज में कीमोथेरेपी (Chemotherapy) भी करनी पडती है।
दोस्तों इस लेख में आपने एड्रिनल ग्रंथि क्या है? (What is Adrenal gland) एड्रिनल ग्रंथि के कार्य क्या है? आदि महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में पड़ा। आशा करता हुँ, यह लेख आपको अच्छा लगा होगा।
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