कोंकरोंच के बारे में जानकारी Information about Cockroach in hindi
हैलो दोस्तों आपका बहुत-बहुत स्वागत है, हमारे इस लेख कॉकरोच के बारे में जानकारी (Information about Cockroach) में
दोस्तों आप इस लेख में काकरोच के बारे में जानकारी, कॉकरोच का जीवन चक्र, कॉकरोच (तिलचट्टा) क्या है? कॉकरोच के लक्षण क्या है?
तथा कॉकरोच का प्रजनन तंत्र और कॉकरोच से बचाव पड़ेंगे। दोस्तों इस लेख में आप कॉकरोच के बारे में सामान्य जानकारी प्राप्त कर पाएंगे, तो दोस्तों आइए शुरू करते हैं, लेख कॉकरोच के बारे में जानकारी:-
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कॉकरोच के बारे में जानकारी Information about Cockroach
कॉकरोच संघ आर्थोपोडा (Arthropoda) के अंतर्गत वर्ग इनसेक्टा का एक प्राणी है, जो अकशेरुकी स्तर का प्राणी होता है, तथा इसमें संयुक्त उपांग पाए जाते हैं।
आमतौर पर काँकरोच एक सर्वव्यापी प्राणी है, जो सभी स्थानों पर देखने को मिलता है। काँकरोच गर्म तथा नम स्थानों में भी पाया जाता है।
काँकरोच एक सर्वाहारी प्राणी होता है, जो रात के समय में अधिकतर भोजन की तलाश में निकलता है, तथा तेजी से दौड़ता है। जब उसे खतरा महसूस होता है तो यह उड़ने की क्षमता भी रखता है।
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कॉकरोच का वर्गीकरण Cockroach Classification
काँकरोच फाइलम आर्थ्रोपोडा के अंतर्गत आने वाला एक प्राणी है, जिसका वर्गीकरण निम्न प्रकार है:-
- संघ (Phylum) - आर्थ्रोपोडा (Arthropoda)
- वर्ग (Class) - इंसेक्टा (insecta)
- गण (Order) - ऑर्थोप्टेरा (Orthoptera)
- वंश (Genus) - पेरिप्लेनेटा (Periplaneta)
- प्रजाति (Species) अमेरिकाना (Americana)
कॉकरोच के लक्षण cockroach ke lakshan
काँकरोच के लक्षण निम्न प्रकार हैं:-
स्वभाव एवं आवास - काँकरोच एक रात्रिचर प्राणी होता है, जो अधिकतर गर्म और कुछ शीतल स्थानों पर पाए जाते हैं। कॉकरोच को अधिकतर रसोई घरों में होटलों में रेस्टोरेंट में
अनाजों के भंडार कक्षों में देखा जा सकता है, कुछ काँकरोच तो सीवेज और दरारों में भी अपने दिन गुजारते हैं, परंतु रात्रि भोजन के लिए बाहर जरूर निकलते हैं।
कॉकरोच की वाह्य आकृति - कॉकरोच का शरीर लंबा संकरा तथा पृष्ठ आधर से चपटा होता है। इनके शरीर लाल और भूरे रंग का होता है। काँकरोच का शरीर सिर वक्ष एवं उदर में विभाजित रहता है।
इनके सिर पर दो लंबी संबेदी एंटीना एक जोड़ी नेत्र और काटने तथा तोड़ने के लिए मुख उपांग पाए जाते हैं। जबकि इनके वक्ष में 3 खंड होते हैं और उदर में 10 खंड पाए जाते हैं।
प्रत्येक वक्षीय खंड में एक-एक जोड़ी चलने के लिए टांगे होती हैं और दूसरे एवं तीसरे वक्षीय खंड में कुल 2 जोड़ी पंख पाए जाते हैं, जो कॉकरोच के मुख्य लक्षण है:-
जिसमें प्रथम जोड़ी पंख होते हैं, वह द्वितीय जोड़ी पंखों को ढकते हैं और सुरक्षा का कार्य करते हैं। उदर के दसवे खंड में 1 जोड़ी छोटे तंतुमय संवेदी एनल सरसाई पाई जाती है।
नर में उदर के नौवें खंड में 1 जोड़ी एनल स्टाइल पाई जाती है। तथा मादा के सातवें खंड में नाव के आकार के जनन कोष्ठ उपस्थित होते हैं।
कॉकरोच की आंतरिक आकृति - काँकरोच में पूर्ण विकसित आहार नाल और पाचन तंत्र पाया जाता है। जिसमें आहार नाल मुख गुहा से शुरू होकर गुदा तक जाती है।
काँकरोच में परिसंचरण तंत्र खुले प्रकार का होता है, अर्थात इनमें रक्त को बहने के लिए रक्त वाहिनियाँ अनुपस्थित होती हैं।
जबकि काँकरोच में श्वशन श्वशननालों के द्वारा होता है, और उत्सर्जन मैलपीजियन नालिकाओं के द्वारा होता है। एक काकरोच यूरिक अम्ल का उत्सर्जन करते हैं।
काकरोच का तंत्रिका तंत्र गुच्छों में होता है, काकरोच में तंत्रिका तंत्र के 9 गुच्छक होते हैं जिसमें 3 गुच्छक वक्ष में तथा बाकी छह गुच्छक उदर में पाए जाते हैं।
काकरोच में पूर्ण रूप से विकसित जनन तंत्र पाया जाता है। इनमें मादा जनन तंत्र तथा नर जनन तंत्र अलग-अलग होते है तथा यह प्राणी रात्रि के समय मैथुन करते हैं।
कॉकरोच का जीवन चक्र cockroach Life Cycle
काकरोच के जीवन चक्र में काकरोच आर्थोपोडा का एक वह प्राणी है, जो सतत रूप से प्रजनन करता है। काँकरोच गर्म स्थानों के साथ शीत अर्थात ठंडे स्थानों पर भी प्रजनन करने की क्षमता रखता है।
निषेचित मादा उथिका में बंद अंडे देती है, तथा एक निषेचित मादा ऐसे कम से कम 15 उथिका दे सकती है। जबकि प्रत्येक उथिका में 16 अंडे होते हैं।
इस प्रकार से लगभग 35 से 100 दिनों में इन अंडों से निम्फ निकलते हैं। और ये निम्फ कम से कम 10 से 12 निर्मोचनों के पश्चात वयस्क में रूपांतरित हो जाते हैं इस प्रकार से काँकरोच का जीवन चक्र चलता रहता है।
कॉकरोच से बचाव Avoid cockroaches
- काकरोच अधिकतर रसोई घरों एवं भोजन स्थलों पर देखने को मिलता है। इसलिए इन जगहों पर स्वच्छता बनाए रखना चाहिए और जो भोजन के टुकड़े तथा कुछ खाने पीने की चीजों के अवशेष वहाँ से हटा देना चाहिए।
- घरों की अस्पतालों की रेस्टोरेंट और होटलों की दीवारों को तथा इमारतों को हाइड्रोजन सायनाइड का स्प्रे करना चाहिए जिससे कॉकरोच मर जाएंगे।
- कॉकरोचों से छुटकारा पाने के लिए 5% डाइएल्ड्रीन का स्प्रे करना चाहिए। इसके साथ ही क्लोरडेन का 2% तैलीय घोल और इमल्शन स्प्रे भी उपयोग में लाया जाता है।
- कॉकरोचों से छुटकारा पाने के लिए 0.2% मेलाथियान का स्प्रे इन काँकरोच की जातियों के लिए विनाशकारी साबित हो सकता है इन प्रकार से आप कॉकरोच से बचाव कर सकते हैं।
दोस्तों इस लेख में कॉकरोच के बारे में जानकारी (Information about Cockroanch) काँकरोच के लक्षण, कॉकरोच का जीवन चक्र आदि पड़ा आशा करता हुँ, यह लेख आपको पसंद आया होगा।
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